उत्तराखंड

डिजिटलीकरण में तेजी लाएं : मुख्य सचिव

एक जनवरी 2026 से फिजिकल डाटा अपलोड पूरी तरह बंद, एमपैक्स का कम्प्यूटराइजेशन 31 दिसंबर तक पूरा करें

देहरादून। प्रदेश के सहकारिता विभाग के डिजिटलीकरण और डेटा अपडेशन कार्य में तेजी लाने के निर्देश मुख्य सचिव आनन्द बर्द्धन ने दिए हैं। सचिवालय में सहकारिता विभाग की समीक्षा बैठक के दौरान उन्होंने स्पष्ट किया कि एक जनवरी 2026 से प्रदेश में फिजिकल डेटा अपलोडिंग पूरी तरह बंद कर दी जाएगी। अतः संबंधित विभागों को निर्देश दिए गए कि 31 दिसंबर 2025 तक एमपैक्स (MPACS) का कंप्यूटराइजेशन और डेटा माइग्रेशन कार्य पूर्ण कर लें।

मॉनिटरिंग के होंगे कड़े इंतज़ाम

मुख्य सचिव ने कहा कि कार्य की समयबद्ध पूर्ति सुनिश्चित करने के लिए इसकी नियमित मॉनिटरिंग की जाए। उन्होंने बताया कि जनपद स्तर पर जिलाधिकारी और सहकारिता अधिकारी तथा राज्य स्तर पर सचिव इसकी निगरानी करेंगे। डेटा अपडेशन की टाइमलाइन निर्धारित कर सभी जिलों को सूचित किए जाने के भी निर्देश दिए गए हैं।

सहकारी संस्थाएं पहुंचें अछूते गांवों तक
मुख्य सचिव ने निर्देश दिए कि अछूती ग्राम पंचायतों तक सहकारी संस्थाओं की पहुंच सुनिश्चित की जाए। इसके लिए नए एमपैक्स, दुग्ध एवं मत्स्य समितियों का गठन किया जाएगा। उन्होंने आधुनिक तकनीकों के जरिये दूध उत्पादन और गुणवत्ता सुधार पर बल दिया। साथ ही, डेयरी को ग्रामीण आजीविका का मजबूत माध्यम बनाने की बात कही।

जन औषधि केंद्रों का लेनदेन बढ़ाने के निर्देश

बैठक में प्रधानमंत्री जन औषधि केंद्रों के कमजोर लेनदेन पर चिंता जताते हुए मुख्य सचिव ने कहा कि दिसंबर 2025 तक मासिक लेनदेन 2 करोड़ रुपये तक ले जाने का लक्ष्य रखा गया है। इसके लिए विशेष अभियान चलाने के निर्देश दिए गए।
बैठक में प्रमुख सचिव एल. फेनाई, सचिव डॉ. बी.वी.आर.सी. पुरुषोत्तम, सीजीएम नाबार्ड पंकज यादव, निबंधक सहकारिता मेहरबान सिंह बिष्ट एवं अपर सचिव हिमांशु खुराना सहित कई वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहे। जिलाधिकारीगण वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से बैठक में शामिल हुए।

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