शिक्षा

‎पालतू जानवर पालने का फायदा

पालतू जानवर चाहे, कुत्‍ता, बिल्‍ली, खरगोश या फिर चिड़िया ही क्यूं ना हो, वह धीरे-धीरे घर का सदस्‍य बन जाता है। चलिये जानते हैं कि पालतू जानवर पालने की क्‍या अच्‍छाई होती हैं।

पालतू जानवर चाहे, कुत्‍ता, बिल्‍ली, खरगोश या फिर चिड़िया ही क्यूं ना हो, वह धीरे-धीरे घर का सदस्‍य बन जाता है। चलिये जानते हैं कि पालतू जानवर पालने की क्‍या अच्‍छाई होती हैं।

‎ तनाव से छुटकारा

‎ जब आप दिन भर के थके-मांदे काम से घर पर वापस लौटते हैं और जैसे ही अपने घर का दरवाजा खोलते हैं, तो एक सुखद अनुभव आपको घेर लेता है। अपने पालतू जानवर का प्‍यार पा कर आप अपनी सारी थकान और चिन्‍ताएं भूल जाएंगे।

‎शारीरिक स्‍वास्‍थ्‍य

‎ पालतू जानवर के घर में होने से आप चुस्‍त और दुरुस्‍त रहने लगते हैं। जानवरों के साथ गेम्‍स खेलना, उसे सुबह-शाम बाहर घुमाने ले जाना आदि करने से उसकी तो एक्‍सरसाइज होती ही है बल्कि आपकी भी वॉक हो जाती है।

‎ वफादारी

‎ पालतू जानवर सबसे अच्छा साथी होता है। वे आप के प्रति हमेशा वफादार रहेंगे और आप को कभी धोखा नहीं देगे। इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि आप पर कब कोई मुसीबत आ जाए या आप कितने ही तनाव में रहें, पर इस दौरान आपके पास हमेशा एक सच्‍चा साथी रहेगा।

‎सेफ्टी

‎एक तेज़ और खुंखार कुत्‍ता पालने से आप और आपका परिवार हमेशा सेफ रहेगा। कुत्‍ते बड़े ही संवेदनशील और ताक-झांक करने में आगे रहते हैं। उन्‍हें हर मुसीबत का पहले ही अंदाजा हो जाता है।

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‎पालतू जानवरों को पालने से नुकसान

‎स्वामित्व लागत

‎पालतू जानवर रखने की लागत काफी ज़्यादा हो सकती है, जिसमें भोजन, संवारना, पशु चिकित्सा देखभाल, टीकाकरण और आपातकालीन चिकित्सा व्यय शामिल हैं। कुत्तों की कुछ नस्लों में विशिष्ट स्वास्थ्य समस्याएँ भी होती हैं, जिसके कारण स्वास्थ्य सेवा की लागत और भी ज़्यादा हो जाती है।

‎समय प्रतिबद्धता

‎पालतू जानवर रखने के लिए काफी समय की प्रतिबद्धता की आवश्यकता होती है। दैनिक देखभाल, भोजन, संवारना, व्यायाम और खेलने का समय महत्वपूर्ण है, जो व्यस्त कार्यक्रम वाले लोगों के लिए चुनौतीपूर्ण हो सकता है। पालतू जानवर रखने से अचानक यात्रा करना भी कठिन हो सकता है, क्योंकि आपको पालतू जानवरों की देखभाल करने वाले की तलाश करनी होगी या अपने पालतू जानवर को यात्रा में साथ ले जाने की व्यवस्था करनी होगी, जो हमेशा संभव नहीं होगा।

‎नैतिक चिंताएं

‎”कुत्तों और बिल्लियों का भोजन बनने वाले जानवरों से लेकर, तथा पपी फार्मों से तेजी से अस्वास्थ्यकर शुद्ध नस्ल के कुत्तों को पैदा करने तक”, “थैले में बिकने वाली सुनहरी मछली और डिब्बे में बिकने वाले झींगुरों” तक, पालतू जानवरों का स्वामित्व “समस्याग्रस्त है, क्योंकि यह जानवरों को आत्मनिर्णय के अधिकार से वंचित करता है”।

‎बीमारियों का खतरा

‎कुत्ते या पालतू जानवरों के साथ खाना खाने और एक साथ सोने के कारण आपको कई गंभीर परेशानियों का खतरा रहता है। कुत्ते की लार के लार्वा के संपर्क में आने से आपको ट्यूमर समेत कई गंभीर बीमारियां हो सकती हैं। इसकी वजह से रेबीज इन्फेक्शन का भी खतरा रहता है। अगर कुत्ते की लार आपके मुंह से पेट में पहुंच जाती है, तो इसकी वजह से गंभीर परेशानियां हो सकती हैं। पालतू जानवरों को बेवजह चूमना और उनसे चिपक के रहना खतरे से खाली नहीं है। इसकी वजह से सबसे ज्यादा खतरा गर्भवती महिलाओं, बच्चों और कमजोर इम्यूनिटी वाले लोगों को होता है।

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