तल्ली सिन्द्रवाणी गांव में प्रकृति का कहर, आधी रात को घर छोड़ भागे ग्रामीण
भारी बारिश और भूस्खलन से गांव के हालत भयाव, करीब 17 परिवारों की संपत्ति बर्बाद, हाईस्कूल भी खतरे की जद में
रुद्रप्रयाग: जनपद में लगातार हो रही मूसलधार बारिश ने आम जनजीवन को बुरी तरह प्रभावित किया है। जिले के ऊंचाई वाले इलाकों में भूस्खलन और अतिवृष्टि की घटनाएं लगातार बढ़ रही हैं। सारी-सणगू मोटर मार्ग के पास स्थित तल्ली सिन्द्रवाणी गांव में शनिवार देर रात जो कुछ हुआ, उसने ग्रामीणों के होश उड़ा दिए। आधी रात को अचानक तेज गर्जना और मूसलधार बारिश के बीच गांव में घरों में दरारें आ गईं, खेत-खलिहान बह गए और लोग दहशत में अपने घर छोड़कर सुरक्षित स्थानों की ओर भागने को मजबूर हो गए।
ग्रामीण हरीश बिष्ट ने बताया कि पिछले कई दिनों से बारिश हो रही थी, लेकिन शनिवार रात जो बारिश हुई, उसने पूरे गांव को हिला कर रख दिया। तेज गर्जना के साथ हुई वर्षा के कारण कई घरों में बड़ी दरारें आ गईं। खतरे को भांपते हुए सभी ग्रामीण अंधेरे में ही घरों से निकलकर बाहर आ गए। इस दौरान बिजली आपूर्ति भी ठप हो गई, जिससे पूरा गांव अंधेरे में डूब गया और ग्रामीणों ने भय और असुरक्षा के बीच पूरी रात खुले आसमान के नीचे बिताई।
ग्राम प्रधान पुष्पा देवी ने बताया कि गांव की सड़कें और संपर्क मार्ग पूरी तरह क्षतिग्रस्त हो चुके हैं। गांव में रहने वाले हरीश बिष्ट, विनोद राणा, बलदेव सिंह राणा, कुलदीप सिंह राणा, शिव सिंह, भरत सिंह, राजबर सिंह, उत्तमा देवी, सरोज देवी समेत करीब 17 परिवारों की संपत्ति को भारी नुकसान हुआ है। ग्रामीणों का कहना है कि वर्ष 2013 की आपदा में भी गांव को काफी क्षति पहुंची थी, तब चार परिवारों को प्रशासन द्वारा पुनर्वासित किया गया था। लेकिन अब हालात इतने गंभीर हैं कि पूरा गांव आपदा की चपेट में आ गया है और सभी परिवारों को सुरक्षित स्थानों पर बसाना अनिवार्य हो गया है।
राजस्व उप निरीक्षक राकेश सिंह नेगी ने बताया कि ग्रामीणों द्वारा आपदा की सूचना मिलने के बाद प्रशासन ने मौके पर पहुंचकर प्रारंभिक मुआयना शुरू कर दिया है। नुकसान का आंकलन किया जा रहा है।
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हाईस्कूल का 30 मीटर पुश्ता बहा
इधर, क्षेत्र का एकमात्र उच्चतर माध्यमिक विद्यालय भी अब खतरे की जद में आ गया है। जनता उच्चतर माध्यमिक विद्यालय, ककोड़ाखाल का परिसर भारी बारिश के कारण बुरी तरह प्रभावित हुआ है। प्रधानाध्यापक जयवीर सिंह नेगी ने बताया कि विद्यालय के भवन का पुश्ता लगभग 30 मीटर तक बह चुका है, जिससे पठन-पाठन बाधित हो रहा है। छात्रों को हर दिन खतरे के साए में पढ़ाई करनी पड़ रही है।
ग्रामीणों और विद्यालय प्रशासन की मांग है कि सरकार और प्रशासन तुरंत प्रभावी कदम उठाए, ताकि जान-माल की हानि रोकी जा सके और प्रभावितों को सुरक्षित वातावरण मिल सके।